स्वतंत्रता वीर बलिदानी भगतसिंह का चरित्र आज भी प्रासंगिक है : काबरा


उज्जैन। भारतीय स्वतंत्रता के अभियान को प्रचण्ड बनाने हेतु युवाओं में ऊर्जा और उत्साह का संचार अमर शहीद भगतसिंहजी ने किया था। उनका चरित्र आज भी प्रासंगिक है। परन्तु आज हमारी भारतीय स्वतंत्रता की रक्षा और देश में राष्ट्रविरोधी शक्तियों द्वारा जाति, सम्प्रदाय के नाम पर फैलाये जा रहे वैमनस्य को दूर करते हुए राष्ट्र को अखण्ड बनाय रखने हेतु भगतसिंहजी के समान स्वतंत्रता वीर की परमावश्यकता है। जो हमारे देश में सर्व सम्प्रदायों में एकता का सूत्रपात कर सके। यदि शहीद भगतसिंहजी के 1 प्रतिशत गुण और भावना का हमारे भीतर समावेश हो जावें तो शहीद भगतसिंह के कल्पना के भारत के निर्माण का मार्ग कोई नहीं रोक सकता।
संस्था गीताश्रीधर धार्मिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक सेवा संस्थान उज्जैन के तत्वावधान में अमर शहीद भगतसिंहजी की 112वीं जयंती के उपलक्ष्य में सिंहपुरी उज्जैन स्थित अमर शहीद भगतसिंह बालोद्यान पर आयोजित पुष्पांजलि कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संस्था सचिव व मुख्य वक्ता रूपेश काबरा ने उक्त विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम को वक्ताओं - संजीव खन्ना, विकास खण्डेलवाल, दीपक बेलानी, सुरेश राठौर, अभिषेक नागर ने भी संबोधित किया।
अतिथियों सहित नागरिकों ने भगतसिंहजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर जयंती पर नमन किया। वक्ताओं ने अमर शहीद के बाल्यकाल से लेकर अल्पायु में ही देश को स्वतंत्र बनाने हेतु दिये गये योगदान से अवगत कराया। संचालन अंशुल शर्मा ने किया। आभार सचिन परिहार ने माना। इस अवसर ओमप्रकाश कसेरा, वरूण पण्ड्या , संतोष जैन, विकास चौरसिया, राजेश सोनी, शुभम नागर, कृष्णा परिहार, नागेश राठी, अजय गेहलोत, अनिल सोनी, कमलकिशोर गुप्ता, लोकेश जैन, प्रकाश मालवीय, पीयूष काबरा, संदीप चौरसिया मयंक नामदेव आदि सहित सैकड़ों राष्ट्रभक्त उपस्थित थे। जानकारी अंशुल शर्मा ने दी।