स्वयं को इंटरनेट पर अधिक से अधिक सुरक्षित रखें, तभी साइबर अपराध से बच सकेंगे


प्रेस क्लब में सायबर अपराधों को लेकर पुलिस विभाग के विशेषज्ञों ने कार्यशाला में दी जानकारी
उज्जैन। अगर सायबर अपराधों से बचे रहना है तो स्वयं के मोबाइल को अधिक से अधिक सुरक्षित रखें तथा इंटरनेट पर भी जिस भी वेबसाइट या एप्लीकेशन का उपयोग करते हैं, उन्हें भी पूरी तरह से सुरक्षित रखें। अनावश्यक ही यूपीआई कोड या पासवर्ड किसी से शेयर न करें।
यह बात पुलिस विभाग के सायबर सेल के प्रधान आरक्षक हरेन्द्रपालसिंह राठौड़ ने प्रेस क्लब में कार्यशाला के दौरान पत्रकारों के सामने कही। उन्होंने कहा कि अपने मोबाइल के अधिक से अधिक एप्स को जितना अधिक सुरक्षित रख सकते हैं, उतना अधिक सुरक्षित रखें। मोबाइल को भी पिन नंबर या फिंगर के माध्यम से सुरक्षित रखें। यदि मोबाइल पर कहीं किसी भी प्रकार की लिंक आती है तो उस पर क्लिक न करें। उन्होंने बताया कि सायबर अपराधियों ने भी देशभर में अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तरीकों से सायबर अपराध किए हैं। कई अपराध एनिडेस्क एप्लीकेशन से भी हो रहे हैं। कई जगह मोबाइल के एप्लीकेशन व्हाट्सएप और फेसबुक को हैक करके भी अपराध किए जा रहे हैं। श्री राठौड़ ने कहा कि इंटरनेट की बोर्डर निश्चित नहीं है। इसलिए यह अपराध विदेशों से भी हो जाते हैं। व्हाट्सएप, फेसबुक या अन्य एप्लीकेशन पर टू स्टेप वेरिफिकेशन का उपयोग करना चाहिए। यदि मेल पर या अन्य साइट पर पासवर्ड बनाते हैं तो उसे भी मुश्किलभरा ही बनाएं। उदाहरण के लिए यदि कहीं एल का उपयोग करना हो तो उसे ७ लिख सकते हैं। आई का उपयोग करना हो तो १ लिख सकते हैं। एस का उपयोग करना हो तो डॉलर के निशान का उपयोग कर सकते हैं। श्री राठौड़ ने बताया कि डार्कनेट के माध्यम से भी डाटा बिकता है। इंटरनेट, कार्ड या एप्लीकेशन को लेकर जितनी सुरक्षा भारत में उतनी दूसरे देशों में अधिक नहीं है। कार्ड के संबंध में श्री राठौड़ ने बताया कि जो नेटबैंकिंग चलाते हैं वो नेटबैंकिंग के माध्यम से कार्ड को निष्क्रिय और सक्रिय कर सकते हैं। हमें अधिकतर अंतर्राष्ट्रीय कार्ड की बजाए घरेलू कार्ड का उपयोग करना चाहिए।
इसके पूर्व एसआई गोपाल अजनार ने कहा कि सायबर अपराध कम्प्यूटर और मोबाइल से होने वाला अपराध है। यह सोशल मीडिया पर भी होता है और इकॉनोमिक भी। उन्होंने कहा कि अपराधों को रोकने के लिए हमें भी स्वयं सुरक्षा के उपाय करना होंगे। उन्होंने यह भी बताया कि व्हाट्सएप और फेसबुक पर कई तरह की गलत जानकारियाँ आती हैं, उनसे बच कर रहना चाहिए। किसी भी तरह की लिंक पर बिना जानकारी के क्लिक नहीं करना है।
प्रेस क्लब में मौजूद पत्रकारों के व्हाट्सएप को सिक्योर करवाते हुए उन्होंने कहा कि यदि व्हाट्सएप और फेसबुक को सिक्योर कर लिया तो कोई भी आपके एप्लीकेशन को हैक नहीं कर सकते।
कार्यशाला के दौरान पुलिस अधीक्षक जितेन्द्रसिंह, पुलिस सायबर सेल से टीआई नरेन्द्र गोमे, हिमांशु चौहान, प्रेस क्लब अध्यक्ष विशालसिंह हाड़ा, सचिव उदयसिंह चंदेल, उपाध्यक्ष विक्रमसिंह जाट, पुष्करण दुबे, संयुक्त सचिव रामचन्द्र गिरि, अर्जुनसिंह चंदेल, खालिक मंसूरी, सतीश गौड़, बलदेवराज, शिवेंद्र तिवारी, ब्रजेश परमार, कमलसिंह राही, कमलेश जाटवा, भूपेंद्र भूतड़ा, इंद्रेश सूर्यवंशी, मंगेश भुजाड़े, हितेंद्रसिंह सेंगर, डॉ. गणपतसिंह चौहान, डॉ. संजय नागर, प्रणव नागर, धर्मेंद्र सिरोलिया, जितेंद्र ठाकुर, शादाब अंसारी, विकास शर्मा, नीलेश खोयरे, हेमन्त भोपाळे, रामचंद्र गिरी, विक्रम जाट, अजय तिवारी, रोहित रायकवार, धर्मेंद्र पंड्या, नासिर बेलिम, भगवानसिंह आंजना, राजेन्द्रसिंह भदौरिया, ललित खटावकर, अमरशंकर जोशी, विजय ठाकुर, आनन्द पांचाल, सुमेरसिंह सौलंकी सहित बड़ी संख्या में पत्रकार शामिल हुए। कार्यक्रम का संचालन उपाध्यक्ष पुष्करण दुबे ने किया। आभार कोषाध्यक्ष प्रदीप मालवीय ने माना। यह जानकारी सचिव उदयसिंह चंदेल ने दी।