भाग्योदय से ही सत्संग प्राप्त होता है : स्वामीजी

भव्य शोभायात्रा का भक्तों ने किया जोरदार स्वागत



उज्जैन। चारधाम मंदिर परिसर में २ फरवरी से प्रारंभ हुई अष्टोत्तर शत श्रीमद् भागवत कथा के प्रथम दिन कथा के महत्व को प्रतिपादित करते हुए कथा व्यास महामंडलेश्वर स्वामी शान्तिस्वरूपानंद गिरिजी ने कहा कि कई जन्मों के अच्छे कर्मों से ही हमें सत्संग प्राप्त होता है। इस अवसर पर स्वामीजी से सौजन्य भेंट करने आए भानपुरा पीठ के जगत्गुरु शंकराचार्य ज्ञानानंदजी ने कहा कि मैं तो स्वामीजी से भेंट करने आया था। सौभाग्य से स्वामीजी के श्रीमुख से भागवत कथा श्रवण करने का मौका मिल गया। इस अवसर पर शंकराचार्य जी ने कहा कि चिन्ता से समस्याओं का निराकरण नहीं होता है। श्रवण करो, श्रवन न मिले तो कीर्तन करो, परन्तु आप सौभाग्यशाली हों, श्रवण करने के लिए आपको स्वामीजी का सान्निध्य प्राप्त हो रहा है।
कथा से पूर्व १०८ भागवतजी की शोभा यात्रा बड़े गोपाल मंदिर से प्रारंभ हुई। शोभायात्रा पटनी बाजार, गुदरी चौराहा, महाकाल मंदिर, हरसिद्धि चौराहा होते हुए कथा स्थल चारधाम मंदिर पहुँची। शोभायात्रा का मार्ग में जगह-जगह भक्तों ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। १०८ पुरोहितों द्वारा श्रीमद् भागवत कथा का मूल पाठ किया जा रहा है। 3 फरवरी को शिव कथा, सती चरित्र एवं ध्रुव चरित्र की कथा होगी। यह जानकारी पं. रामलखन शर्मा ने दी।