जेल को आश्रम बनाने का प्रयास है मेरा, प्रेम से किसी का भी जीवन जीता जा सकता है : अलका सोनकर

उज्जैन। जेल को आश्रम बनाने का प्रयास है मेरा। यहां पर कैदियों से अच्छा व्यवहार, नैतिक शिक्षा देकर सुधारने का प्रयास किया जा रहा है। कोई भी व्यक्ति मजबूरी में ही अपराध करता है। ऐसे में उनके साथ सहानुभूति रखना चाहिए।

यह बात जिला जेल अधीक्षक श्रीमती अलका सोनकर ने कृषि मंडी व्यापारी जन सेवा समिति द्वारा आयोजित जेल परिसर में नि:शुल्क स्वास्थ्य एवं नेत्र परीक्षण शिविर में कही। आपने कहा कि समिति द्वारा आयोजित शिविर सराहनीय है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि विधायक पारस जैन ने कहा कि बरसों पहले मैं भी राजनीति कैदी बनकर यहां आया था। उस समय काफी अव्यवस्था थी, लेकिन अब जेल की व्यवस्था में काफी सुधार हुआ है। कैदियों को अच्छे व्यवहार से सुधारा जा सकता है। इसी प्रकार डॉक्टर के प्रेम से हाल पूछने पर ही मरीज आधा ठीक हो जाता है। कार्यक्रम की शुरुआत में अतिथियों द्वारा मां सरस्वती का पूजन का दीप प्रज्वलित किया। इसके पश्चात समिति अध्यक्ष संजय लड्ढा ने स्वागत भाषण दिया तथा सचिव अजय खंडेलवाल ने संस्था की जानकारी दी। समिति के वरिष्ठ सदस्य प्रकाश तल्लेरा ने भी संस्था के बारे में बताया कि समिति गत 20 वर्षों से सेवा का कार्य कर रही है। आयोजित प्रशिक्षण शिविर में करीब 250 कैदियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया तथा आंखों की जांच के बाद नि:शुल्क चश्मा का वितरण भी हुआ। चिकित्सकों ने कैदियों को स्वस्थ रहने के लिए अनेक टिप्स भी दी। संचालन दिलीप गुप्ता ने किया। आभार राजेन्द्र राठौर ने माना। इस दौरान मंडी व्यापारी संघ अध्यक्ष मुकेश हरभजनका, मुरली हेड़ा, संदीप सर्डा, बाबूलाल सिंघल, भूपेंद्र शाह, प्रकाश धारीवाल, निमिष अग्रवाल, कपिल सकलेचा, मोहन राठौर, दिलीप जैन, दिनेश भाई, नवीन बाहेती, अशोक जैन तथा अनिल जैन मौजूद थे।