भारतीय ज्ञानपीठ में पद्मभूषण डॉ. शिवमंगल सिंह 'सुमनÓ स्मृति सात दिवसीय सप्तदश अ.भा. सद्भावना व्याख्यानमाला का शुभारंभ 26 सितम्बर से
देश के ख्यात विद्वत्जन सप्तदश अ.भा. सद्भावना व्याख्यानमाला के दौरान व्यक्त करेंगे सद्भावनापूर्ण विचार

उज्जैन। वर्तमान समाज में सामाजिक समरसता और सद्भावना जैसे विचारों का लोप होता जा रहा है ऐसे में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सद्भावना पूर्ण विचारों और दर्शन को भारतीय जनमानस में पुनर्स्थापित करने हेतु भारतीय ज्ञानपीठ एवं अखिल भारतीय सद्भावना व्याख्यानमाला दृढ़ प्रतिबद्ध है। सद्भावनापूर्ण समाज के निर्माण के उद्देश्य से श्रीपाल एज्यूकेशन सोसायटी एवं भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा विगत 16 वर्षों से पद्मभूषण डॉ. शिवमंगल सिंह सुमन स्मृति अखिल भारतीय सद्भावना व्याख्यानमाला का सफलतम आयोजन किया जा रहा है।

व्याख्यानमाला के अंतर्गत विगत वर्षों में 188 राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के विद्वत्जनों द्वारा व्यक्त सद्भावनापूर्ण विचारों ने समाज के नवनिर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। विगत व्याख्यानमालाओं में कई समाजसेवियों, न्यायविदों, साहित्यकारों, शिक्षाविदों, पत्रकारों, संतों ने अपने सद्भावनापूर्ण प्रेरक संदेश प्रसारित किये है। सद्भावना व्याख्यानमाला में श्रोताओं की संख्या में प्रतिवर्ष हो रही उत्तरोत्तर वृद्धि इस बात का संकेत है कि व्याख्यानमाला की कीर्ति अब और अधिक व्यापक रूप से प्रसारित हो रही है। यहाँ तक कि राष्ट्रीय स्तर तक इस व्याख्यानमाला में व्यक्त विचारों की चर्चाएं हो रही है। सप्तदश अ.भा. सद्भावना व्याख्यानमाला का आयोजन 26 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक होने जा रहा है। संस्था अध्यक्ष श्री कृष्णमंगलसिंह कुलश्रेष्ठ ने बताया कि 26 सितम्बर से प्रतिदिन सायं 5 बजे से देश के विभिन्न प्रांतों से कई राष्ट्रीय स्तर के प्रखर वक्ताओं द्वारा सद्भावनापूर्ण व्याख्यान सम्पन्न होंगे। सद्भावना व्याख्यानमाला में व्यक्त होने वाले व्याख्यानों के विषय एवं क्रम इस प्रकार से होंगे-

व्याख्यानमाला का शुभारंभ 26 सितम्बर गुरुवार से होगा जिसमें राष्ट्रीय महिला प्रमुख, सहकार भारती, रायपुर की निदेशक श्रीमती शताब्दी पाण्डे सहकारिता के माध्यम से मातृशक्ति जागरण विषय पर अपना व्याख्यान देंगी। प्रथम दिवस की अध्यक्षता करते हुए जिला सतर्कता समिति लोकायुक्त, उज्जैन के पूर्व अध्यक्ष श्री शशिमोहन श्रीवास्तव सामाजिक सद्भाव आज की आवश्यकता विषय पर अपने विचार व्यक्त करेंगे।

व्याख्यामाला के दूसरे दिन 27 सितम्बर शुक्रवार को नरसिंहगढ़ के पंडित फारूक रामायणी, जो एक सर्वधर्म वक्ता के रूप में ख्याति प्राप्त है वह सर्वधर्म समभाव विषय पर अपना व्याख्यान देंगे तथा अध्यक्षता करते हुए इन्दौर से प्रसिद्ध पत्रकार एवं चिन्तक श्री चिन्मय मिश्रा देश में सद्भावना की महत्वता विषय पर विचार व्यक्त करेंगे।

28 सितम्बर शनिवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी अलपसंख्यक विभाग, नई दिल्ली के सदस्य हाजी श्री अरशान खान, देश की ज्वलंत समस्याएं, कारण एवं निवारण विषय पर अपना व्याख्यान देंगे। इस दिवस की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता एवं पूर्व संपादक दैनिक जननायक, कोटा के श्री अख्तर खान 'अकेलाÓ सोशल मीडिया का महत्व विषय पर अपने विचार व्यक्त करेंगे।

29 सितम्बर रविवार को महाराष्ट्र के गांधीवादी एवं सामाजिक कार्यकर्ता श्री प्रकाश आर. अर्जुनवार महात्मा गांधी की सद्भावना और भविष्य विषय पर अपना व्याख्यान देंगे। इस दिवस की अध्यक्षता करते हुए डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर के डॉ. दिवाकर सिंह राजपूत द्वारा राष्ट्र के निर्माण में सूचना प्रौद्यागिकी और युवाओं की भूमिका विषय पर अपने विचार व्यक्त किये जाएंगे।

व्याख्यानमाला के पांचवें दिवस 30 सितम्बर सोमवार को वाराणसी के प्राध्यापक बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के डॉ. सीताराम दुबे बौद्ध अहिंसा की प्रकृति एवं सद्भावना स्थापना में उसकी प्रासंगिकता विषय पर अपना व्याख्यान देंगे तथा अध्यक्षता आर. आई.ई. भोपाल के प्राध्यापक डॉ. रमेश बाबू जी द्वारा की जायेगी जो संवैधानिक मूल्य : शिक्षा की भूमिका विषय पर अपने विचार व्यक्त करेंगे।

1 अक्टूबर मंगलवार को इन्दौर के प्रखर वक्ता एवं प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. जनक मेहता गांधीजी की नेतृत्व क्षमता विषय पर अपना व्याख्यान देंगे। इस दिवस की अध्यक्षता करते हुए पत्रकार एवं साहित्यकार लातूर, महाराष्ट्र के श्री अतुल देउलगांवकर वातावरण बदलाव की चुनौती विषय पर अपना विचार व्यक्त करेंगे।

व्याख्यानमाला का समापन 2 अक्टूबर बुधवार को होगा। इस दिवस व्याख्यानमाला का समय प्रतिदिन की अपेक्षा एक घंटा अधिक अर्थात सायं 4 से 7 बजे तक रहेगा। समापन संध्या पर श्रीपाल एज्यूकेशन सोसायटी के परिसर में स्थित कवि कुलगुरु डॉ. शिवमंगलसिंह सुमन की प्रतिमा का अनावरण किया जाएगा। इस दिवस पर जबलपुर मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के माननीय न्यायमूर्ति श्री जे.पी. गुप्ता धर्म एवं मानवतावाद पर गांधी जी के विचार पर अपना व्याख्यान देंगे। मध्यप्रदेश के पूर्व महाधिवक्ता श्री आनंदमोहन माथुर महात्मा गांधी का सामाजिक चिंतन विषय पर अपना व्याख्यान देंगे। समापन दिवस की अध्यक्षता विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कुलपति डॉ. बालकृष्ण शर्मा वैष्णवजन -महात्मा गांधी- डॉ. सुमन स्मृति विषय पर अपने विचार व्यक्त करेंगे।

आलेख प्रतियोगिता भी होगी

प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी सद्भावना व्याख्यानमाला के दौरान एक आलेख प्रतियोगिता भी आयोजित की गई है, जिसके अंतर्गत श्रोताओं से व्याख्यानामाला के संबंध आलेखों को आमंत्रित किया गया है। सर्वश्रेष्ठ आलेख प्रस्तुत करने वाले श्रोता को डॉ. शिवमंगलसिंह सुमन की सुपुत्री श्रीमती उषा चौहान द्वारा 1001/- रु. की राशि से पुरस्कृत किया जायेगा।

 

सप्तदश अ.भा. सदभावना व्याख्यानमाला में आने वाले वक्ताओं का विवरण

श्रीमती शताब्दी पांडे

श्रीमती शताब्दी पांडे सहकार भारती छत्तीसगढ़ की राष्ट्रीय सचिव हैं एवं छत्तीसगढ़ महिला मंच के निदेशक के रूप में भी सक्रियता से कार्य कर रही हैं। श्रीमती शताब्दी पांडे ने छत्तीसगढ़ महिला आयोग की सदस्य के रूप में भी अपनी बहुमूल्य सेवाएं दी हैं। आपने जहां वकालत, मानव अधिकार आयोग एवं पत्रकारिता के क्षेत्र में डिग्री प्राप्त की है वहीं दर्शनशास्त्र में एम.ए. कर गोल्ड मेडल प्राप्त किया है। आप महिला सशक्तिकरण एवं महिला उत्थान की दिशा में सतत प्रयत्नशील है। महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक रखने के लिए आप देशभर में व्याख्यान, रैलियों और सेमिनार्स के माध्यम से महत्वपूर्ण प्रयास कर रही हैं। इन प्रयासों के लिए आपको सन 2008 में राष्ट्रपति पुरस्कार सहित कई अन्य पुरस्कार भी प्राप्त हो चुके हैं।

 

पं. फारुख रामायणी

श्री फारुख रामायणी एक ऐसे कुशल और प्रखर कथावाचक है जो अपने आप में सर्वधर्म समभाव की एक अनूठी मिसाल है। आपका वास्तविक नाम फारुख खान है किंतु अब आपको फारुख रामायणी उपनाम से ही पहचाना जाता है। एक दिन विद्यालय में सरस्वती वंदना सुनने के पश्चात आपके मन में एक हिलोर उठा और आपने हिंदू धर्म का गहन अध्ययन आरंभ किया। कुछ ही समय में आप गांव-गांव में जाकर सुंदरकांड सुनाने के लिए प्रसिद्ध हो गए। आपको जितना कुरान का ज्ञान है उतना ही हिंदू धर्म के बारे में भी ज्ञान है। आप अब तक 5000 से अधिक राम कथाएं प्रस्तुत कर चुके हैं। आपको मानस हंस पदवी से भी विभूषित किया गया है।

 

श्री अख्तर खान अकेला

राजस्थान के वरिष्ठ अधिवक्ता एवं दैनिक जननायक के पूर्व संपादक श्री अख्तर खान अकेला स्वतंत्र पत्रकारिता एवं लेखन कार्य में सक्रिय हैं आप 1992 से लगातार वकालत के क्षेत्र में सक्रिय हैं तो वही आप अपनी लेखनी से समाज में नई क्रांति लाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। अपने उर्दू एवं हिंदी विषयों में एमए सहित पत्रकारिता में भी पोस्ट ग्रेजुएशन किया एवं एलएलबी व डीएलएल की उपाधि भी प्राप्त की। सोशल मीडिया पर आपके ब्लॉग देशभर में लोकप्रिय है। आपको खोजी पत्रकारिता स्वर्गीय शरद स्मृति सम्मान, सोशल मीडिया एक्टिविस्ट एवं बेस्ट ब्लॉग हिंदी लेखन सम्मान सहित कई पुरस्कार और सम्मानों से विभूषित किया गया है।

 

प्रोफेसर सीताराम दुबे

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के प्राचीन भारतीय इतिहास के प्राध्यापक डॉ. सीताराम दुबे जी को 33 वर्ष का विराट अनुभव प्राप्त है। आपने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के 70 से अधिक सेमिनार में भागीदारी की है। भारतीय संस्कृति, कला और दर्शन को देशभर में विभिन्न स्थानों पर आयोजित व्याख्यानों के माध्यम से आपने प्रसारित करने का कार्य किया है। कई पुरस्कार और सम्मानों से आपको नवाजा गया है। प्राचीन भारतीय इतिहास और भारतीय संस्कृति के विभिन्न विषयों के देश के विभिन्न भागों में कई सेमिनार आपके द्वारा आयोजित किए गए हैं।

 

श्री अतुल देउलगांवकर

श्री अतुल देउलगांवकर महाराष्ट्र के वरिष्ठ पत्रकार और साहित्यकार है। आपने लोकसत्ता, सामना, महाराष्ट्र टाइम्स, लोकमत, दिव्यमराठी जैसी कई प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में कुशलता से लेखन कार्य किया है। आपको राष्ट्रीय ग्रामीण पत्रकारिता पुरस्कार, डॉ. राम आपटे प्रबोधन पुरस्कार, वसुंधरा पुरस्कार एवं कृषि पत्रकारिता पुरस्कार सहित अनगिनत पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हो चुके हैं। विभिन्न विषयों पर 7 से अधिक पुस्तकों का लेखन आपने किया है।

विभिन्न साहित्यिक संस्थाओं के विभिन्न पदों पर आप सक्रियता से कार्य कर रहे हैं एवं अपनी कलम से साहित्य चेतना जागृत कर रहे हैं। आपने इंडोनेशिया, वाशिंगटन, कराची, इस्लामाबाद व काठमांडू सहित कई इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंसेस में भागीदारी की है। आप देश के विभिन्न भागों में भी आप कई सेमिनार्स में सहभागिता कर चुके हैं। आप पर्यावरण, जल संरक्षण, ग्लोबलाइजेशन, पत्रकारिता और युवाओं जैसे विषय पर देशभर में व्याख्यान देने के लिए प्रसिद्ध है।

 

श्रीप्रकाश आर. अर्जुनवार

महाराष्ट्र के श्री प्रकाश आर. अर्जुनवार एक गांधीवादी और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में अपनी विशिष्ट छवि रखते हैं आप पिछले 28 वर्षों से सामाजिक कल्याण के कार्यों में सक्रिय रहते हुए देश के विभिन्न स्थानों पर अपनी बहुमूल्य सेवाएं दे रहे हैं। आप महात्मा गांधी विचार मंच संस्था का कुशल नेतृत्व करते हुए गांधी विचारों को प्रचारित और प्रसारित करने के क्षेत्र में निरंतर सक्रिय है। मानवीय मूल्यों को विद्यार्थियों एवं युवाओं तक पहुंचाना आपका लक्ष्य है। विगत 2 अक्टूबर 2018 से 2 अक्टूबर 19 तक आयोजित हो रही शांति अहिंसा समरसता अंतरराष्ट्रीय यात्रा आपके मार्गदर्शन में ही आयोजित की जा रही है।