1 नवंबर से प्रारंभ होगा 22वां अंतरराष्ट्रीय ज्योतिष वास्तु महासम्मेलन 
तीन दिनों तक देश विदेश से आए ज्योतिर्विद विद्वान करेंगे विभिन्न विषयों पर चर्चा


उज्जैन। 22वें अंतरराष्ट्रीय ज्योतिष वास्तु महासम्मेलन आज 1 नवंबर से प्रारंभ होगा। मां शारदा ज्योतिषधाम अनुसंधान संस्थानम् द्वारा आयोजित इस महासम्मेलन में देश विदेश से करीब 450 ज्योतिर्विद विद्वान शामिल होंगे। 

आयोजक दिनेश गुरूजी एवं महासम्मेलन अध्यक्ष आनंद शर्मा भाया ने बताया कि फाजलपुरा पुलिस लाईन के सामने स्थित होटल अविका में होने वाले इस महासम्मेलन का शुभारंभ डॉ अरुण बंसल दिल्ली के मुख्य आतिथ्य में होगा। महासम्मेलन में मुख्य रूप से जयप्रकाश लालधागे वाले मुम्बई, आरडी विश्वारी मॉरीशस, भूटान से केवी शर्मा, दुबई से एस्ट्रो दादा, सुशील चतुर्वेदी, अनुराधा राय, नेपाल से जितेंद्र शर्मा, अनिल वत्स दिल्ली, डॉ एचएस रावत दिल्ली, अजय भाम्बी दिल्ली, राजीव शर्मा जालंधर, अक्षय शर्मा मोगा पंजाब शामिल होंगे। महासम्मेलन संयोजक पं. योगेन्द्र महंत, महासम्मेलन अध्यक्ष संगीता शर्मा के अनुसार आज 1 नवंबर शुक्रवार को शाम 4 बजे से पंजीयन प्रारंभ के साथ ही हवन, पूजन होंगे तत्पश्चात प्रथम सत्र शाम 5 बजे से प्रारंभ होगा। वहीं दूसरे दिन शनिवार सुबह 9 बजे से पंजीयन प्रारंभ होगे तथा दूसरा सत्र 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक पंचांग में फैली दुविधा एवं भ्रांतियां, सूर्य सिध्दांत एवं अन्य ग्रहों के अंतर और गणना पर होगा। दोपहर 2 से 3 बजे तक आम जन के लिए निःशुल्क ज्योतिष परामर्श की व्यवस्था रहेंगी। वहीं दोपहर 3 से 5 बजे तक कैंसर एवं डायबिटिज औषधि चिकित्सा एवं ज्योतिषिय निराकरण विषय पर तृतीय सत्र होगा। चैथे सत्र में शाम 7 से रात्रि 10 बजे तक बिलेनियम अवार्ड प्रदान किये जाएंगे साथ ही भजन संध्या का आयोजन होगा। 3 नवंबर रविवार को सुबह 9 बजे से पंजीयन प्रारंभ होंगे तथा सुबह 11 से दोपहर 1 बजे तक वास्तु शास्त्र का मानव जीवन पर प्रभाव पर पंचम सत्र का आयोजन होगा। षष्ठम सत्र अंक शास्त्र पर तथा सप्तम सत्र दोपहर 1 से 2 बजे तक वैवाहिक जीव व हस्तरेखा विषय पर होगा। दोपहर में 2 से 3 बजे तक जनता के लिए निःशुल्क मार्गदर्शन, टेरो कार्ड एवं यंत्र, मंत्र का मानव जीवन पर प्रभाव के बारे में जानकारी दी जाएगी तथा शाम 4 बजे से समापन समारोह में विद्वानों का सम्मान किया जाएगा। महासम्मेलन की तैयारियों में महासम्मेलन संयोजक पं. निर्मल गुरू, पं. दिलरेश व्यास, सम्मेलन प्रभारी पं. गौरव तिवारी राजपुरोहित, महासम्मेलन सहसंयोजक पं. शैलेन्द्र व्यास, डाॅ. जेसी सोनी, महासचिव मितेश मालवीय, मयंक जोशी के साथ ही विद्वान एवं महिला विद्वान जुटे हुए हैं।