संगठित रहने से कठिन लक्ष्य को पाने का साहस मिलता है : ओम जादौन


उज्जैन। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उज्जैन के सायं भाग के 4 नगरों से विद्यार्थी पथ संचलन निकाले गए। महानगर संघचालक श्रीपाद जोशी जी ने बताया कि केशव नगर का पथ संचलन सरस्वती विद्या मंदिर, महाकाल मैदान से, विक्रमादित्य का गांधी बाल उद्यान, क्षीरसागर से और कालिदास नगर का चंचल गार्डन, मालनवासा से निकलकर अपने प्रारंभ स्थान पर ही समाप्त हुए। राजेंद्र नगर का संचलन सरस्वती विद्या मंदिर, ऋषि नगर से प्रारंभ होकर शास्त्री नगर मैदान पर समाप्त हुआ।
विक्रमादित्य नगर के मुख्य वक्ता पवन भाटी ने अपने उद्बोधन में कहा कि भगवान श्रीराम ने वन में रहने वाले वानरों भालू आदि सभी का शक्ति संचयन कर दुराचारी रावण का वध किया था। महाराणा प्रताप और शिवाजी ने भी सामान्य जनमानस को इक_ा कर अन्याय और आक्रांता के खिलाफ युद्ध लड़ा। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पास अभिनव कार्यपद्धति शाखा है जिसके माध्यम से शाखा में आने वाले एक व्यक्ति का शारीरिक और मानसिक विकास होता है।
1 घंटे की होने वाले शाखा के कार्यक्रम से वैचारिक दृढ़ता आती है। बड़े से बड़ा कठिन से कठिन कार्य साथ मिलकर करने का साहस निर्माण होता है। आज संघ को 94 वर्ष हो गए और संघ की कार्यपद्धती के कारण आज भारत ही नहीं अपितु विश्व भी संघ की ओर देख रहा है। अन्य देश भी चाहते हैं कि भारत विश्व का नेतृत्व करें। पर्यावरण, पानी, प्लास्टिक और पेड़ के लिए भी कार्य करने की आवश्यकता है।
कालिदास नगर के विद्यार्थियों स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए ओम जादौन ने बताया कि विजयादशमी पर्व शक्ति संचयन का पर्व है क्योंकि शक्ति आती नहीं है, उसको तो संचित करनी पड़ती है और इसी संचित शक्ति का उपयोग राष्ट्र धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए किया जाता है। इसी उद्देश्य को लेकर परम पूजनीय डॉ. हेडगेवार ने 1925 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की तब से लेकर आज तक शाखा के माध्यम से चारित्रिक राष्ट्र निर्माण का कार्य संघ कर रहा है।
राजेंद्र नगर कार्यक्रम के मुख्य वक्ता दीपेश जी बेंडवाल ने अपने बौद्धिक में बताया कि विजयादशमी का महत्व, अधर्म पर धर्म की जीत, दुराचार पर सदाचार की जीत, अन्याय पर न्याय की जीत को बताता है। उन्होंने कहा कि हमारा देश 800 वर्षों तक पराधीन रहा, जिसका कारण था संगठन का अभाव था। संघ की स्थापना हिन्दू समाज का संगठन करने के लिए हुई। शक्ति का बहुत महत्व होता है क्योंकि दुर्बल के भगवान भी सहायक नहीं होते। केशव नगर का पथ संचलन शहर के प्रमुख मार्गों से निकला, जो महाकाल पुरम से प्रारंभ होकर गुदरी चौराहा, कार्तिक चौक, खाती समाज मंदिर, ढाबा रोड, गोपाल मंदिर होता हुआ सीधा पुन: महाकाल पुरम पहुंचा। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता श्री आशीष नाटाणी ने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि विजयादशमी उत्सव हिंदू समाज का प्रमुख उत्सव है। इस दिन सज्जन शक्ति ने दुर्जन शक्ति का दमन करते हुए समाज को पुन: एकत्र करके सशक्त समाज की स्थापना की। इसी दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने 1925 के दिन विजयादशमी के दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना नागपुर में मोहित के बाड़े में की।