कलेक्टर से पूछेंगे पवित्र नगरी के लिए बनाई समिति ने दस महीनों में क्या किया

स्वर्णिम भारत मंच २९ जनवरी को कोठीमहल पर कलेक्टर के समक्ष आक्रोश प्रकट करेगा



उज्जैन। स्वर्णिम भारत मंच कई वर्षों से उज्जैन को पवित्र नगरी बनाने के लिए आंदोलन कर रहा है, इसके पूर्व भी ब्रह्मलीन संत प्रतीत राम रामस्नेही द्वारा लगभग 30 वर्षों तक पवित्र नगरी के लिए आंदोलन चलाया था परंतु प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता के चलते महाकाल मंदिर के आसपास 2 किलोमीटर क्षेत्र में कत्लखाने व मांस की दुकानें अवैधानिक तौर पर चल रही है, जिसे बन्द करने की हिम्मत नहीं उठायी जाती है। इससे आक्रोशित होकर स्वर्णिम भारत मंच 29 जनवरी को दोपहर 1 बजे कलेक्टर कार्यालय कोठी महल पहुंचकर आक्रोश प्रकट कर कलेक्टर से पूछेगा कि पवित्र नगरी के लिए बनाई गई समिति ने 10 माह में क्या किया।
स्वर्णिम भारत मंच के संयोजक दिनेश श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया कि हम वर्ष 2015 से निरंतर महाकाल मंदिर के आसपास के कत्लखाने व मांस की दुकान हटाने के लिए प्रशासन से मांग कर रहे हैं। इसके पूर्व भी ब्रह्मलीन संत प्रतीत राम जी कई वर्षों तक पवित्र नगरी से कत्लखाने हटाने की मांग करते आए थे लेकिन दुर्भाग्यवश आज तक महाकाल मंदिर मार्ग के कत्लखाने प्रशासन नहीं हटा पाया है जबकि महाकाल मंदिर दर्शन करने के लिए देश विदेश से साधु संत, बड़े-बड़े उद्योगपति बॉलीवुड से जुड़े हुए अभिनेता अभिनेत्री एवं आम श्रद्धालु बड़ी आस्था लेकर बाबा महाकाल के दरबार में पहुंचते हैं।
महाकाल मार्गों पर अभक्ष सामग्री दिखती है तो निश्चित रूप से श्रद्धालुओ की आत्मा पर प्रहार होता है। इसी मांग को लेकर स्वर्णिम भारत मंच 29 जनवरी को दोपहर 1 बजे कलेक्टर कार्यालय कोठे महल पर कलेक्टर शशांक मिश्र से ज्ञापन देकर पूछेगा कि आपके द्वारा अप्रैल 2019 में पवित्र नगरी के लिए एक समिति गठित की थी उस समिति ने बीते 10 माह में क्या किया है।
बेगम बाग तोपखाना पर सर्वाधिक अतिक्रमण : स्वर्णिम भारत मंच प्रशासन को अवगत कराएगा कि महाकाल मंदिर के मार्गों पर तोपखाना व बेगम बाग में सर्वाधिक अतिक्रमण हो चुका है। इसी के साथ सोमवारिया क्षेत्र में भी मांस मटन की दुकानें इतनी तादाद में खुल गई है कि गढ़कलिका मंगलनाथ सांदीपनि आश्रम की ओर से आने वाले महाकाल भक्तों को भी अधिक पीड़ा हो रही है। आखिर जिला प्रशासन व नगर निगम कार्रवाही क्यों नहीं कर पा रहा है।
स्वच्छता पर भी सवाल : अभी पूरे देश मे स्वच्छता को लेकर सर्वे चल रहा है। उज्जैन को भी स्वच्छ बनाने के लिए नगर निगम पूरी ताकत झोंक रही है, लेकिन पवित्र नगरी को दरकिनार करते हुए केवल कागजों में ही स्वच्छता का दिखावा अधिकारी कर रहे खुलेआम सड़कों पर मांस की दुकानें चल रही है, जिसमें कोई भी हाइजेनिक सावधानियां नहीं रखी जाती है। ऐसे में स्वच्छता का यह सर्वे क्या साबित करता है।