नागरिकता संशोधन क़ानून, राजनीतिक नहीं राष्ट्रीय मुद्दा है


उज्जैन। भारतीय मजदूर संघ देश का नंबर एक अग्रणी गैर राजनीतिक मजदूर संगठन है जो आंदोलनों के नाम पर तोड़फोड़ करने के बजाय देशहित में काम करने और काम के पूरे दाम लेने की बात करता है। संगठन की पहचान त्याग, तपस्या और बलिदान की रही है। नया नागरिकता क़ानून कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं बल्कि जनाकांक्षाओं से जुड़ा होकर देश के नागरिकों का राष्ट्रीय मुद्दा है क्योंकि देश का एक भूभाग, देश से कटने जा रहा था।
ये विचार नेशनल आर्गेनाईजेशन ऑफ़ इन्शुरन्स ऑफिसर्स इंदौर मंडल के वार्षिक सम्मलेन में श्यामबिहारी प्रजापति ने मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए व्यक्त किये। क्षेत्रीय कार्यकारी अध्यक्ष विवेक वर्मा ने कहा कि केवल अपने संगठन के अधिकारियों की ही नहीं बल्कि हमारा संगठन सभी अधिकारियों के हितों के लिए प्रबंधन से लड़ता आया है। हम समस्याओं के साथ प्रबंधन को समाधान भी प्रस्तुत करते हैं, जिससे कार्य आसानी से हो सकें। मध्य क्षेत्र के अध्यक्ष डॉ. हरीशकुमार सिंह ने कहा कि यह केंद्र सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र को समाप्त करना चाहती है क्योंकि यही सरकार बीमा उद्योग में पहले छब्बीस प्रतिशत विदेशी पूंजी, फिर उनपचास प्रतिशत और अब सौ प्रतिशत विदेशी पूंजी लाने की तैयारी में है, जिसका पुरजोर विरोध करने के लिए संगठन प्रतिबद्ध है। इंदौर मंडल के अध्यक्ष श्री शैलेश लेले ने कहा कि यह नोइनो के दम और प्रयासों का ही नतीजा था कि पेंशन का एक और विकल्प, हमें मिल पाया। सम्मलेन को राजेश जाजू, रूचि सक्सेना, ओ.पी. डागर, राकेश शुक्ला, गजानन भगत आदि ने संबोधित किया। महामंत्री महेंद्रसिंह ठाकुर ने वार्षिक रपट प्रस्तुत की। स्वागत भाषण विश्वनाथ शिंदे ने दिया। अतिथियों ने दीप आलोकन कर सम्मेलन का शुभारम्भ किया। अतिथि स्वागत राहुल भटनागर, सुभाष पाठक, इकबाल हुसैन, पंकज श्रीवास्तव, देवेन्द्र सिसोदिया, सुदीप तोड़वाल आदि ने किया। सम्मेलन में जगदीशचन्द्र पालीवाल, अरुणा रोजनदार, प्रतिमा जोसफ, लकी खंडेलवाल, रेखा नाथ, सचिन सराठे, विनोद गौसर आदि उपस्थित रहे। संचालन डॉ. हरीशकुमार सिंह ने किया। आभार राहुल भटनागर ने व्यक्त किया।