जिला चिकित्सालय की भोजनशाला में कर्मचारियों को दो महीने से नहीं मिली तनख्वाह

गुस्साये कर्मचारियों ने सुबह खाना नहीं बंटने दिया, आरएमओ की समझाईश पर माने, तब बंटा खाना



उज्जैन। जिला चिकित्सालय की भोजनशाला में काम करने वाले कुक और सहायकों का दो माह का वेतन नहीं दिये जाने से उनके घर में खाने के लाले पड़ गए है, ऐसे में शुक्रवार को उन्होंने भी सुबह का भोजन चरक अस्पताल तथा सिविल अस्पताल में भेजने से इंकार कर दिया और गाड़ी रोक दी। मौके पर आरएमओ तथा पुलिसकर्मी पहुंचे तथा आरएमओ की समझाईश पर भोजन की गाड़ी चरक अस्पताल की ओर रवाना हुई।
दरअसल जिला चिकित्सालय की भोजनशाला में 3 कुक और 4 सहायक है। आरसीएच योजना के तहत 2013 से कार्यरत यहां पदस्थ कुक की तनख्वाह 2500 और सहायक की 2000 थी। जनवरी 2020 में सहायक की 7125 और कुक की 7982 रुपये हुई। जिसके बाद से दो महीने की तनख्वाह नही दी। भोजनशाला के कर्मचारियों का आरोप है कि सिविल सर्जन और डाइटीशियन केसी परमार से तनख्वाह की मांग करने पर हमें नौकरी से निकालने की धमकी दी जा रही है, और कहा जा रहा है कि अब एजेंसी के माध्यम से तनख्वाह आएगी। कर्मचारियों के अनुसार जब हमने कम तनख्वाह में काम किया तो तनख्वाह समय पर मिल रही थी कई बार मांग करने, भोपाल के चक्कर काटने के बाद जब जनख्वाह बढ़ी तो दो महीने की तनख्वाह नहीं दी, उपर से बंद करने की धमकी दी जा रही है जबकि पहले सीधे तनख्वाह मिलती थी। कुक सहायक प्रकाश परमार, राधा परमार, अनिल राठौर, मालती सुनेरिया, सुनीता सुनेरिया, शांता राठौर, हरिओम प्रजापत ने शुक्रवार को भी सिविल सर्जन से बात की तो उन्होंने बदतमीजी की और कहा भाग जाओ यहां से अब आप एजेंसी के थ्रू काम करेंगे। गुस्साये कर्मचारियों ने खाना रोक दिया हालांकि आरएमओ डॉ जी एस धवन तथा अन्य की समझाइश पर भोजन भेज दिया। कर्मचारियों ने बताया कि हर दिन करीब 450 लोगों का भोजन बनाते हैं, कम सैलरी में काम किया और बढ़ाने के लिए कई बार भोपाल चक्कर काटे तब सैलरी बढ़ी और अब वेतन ही रोक दिया। कर्मचारियों ने रूकी हुई तनख्वाह के साथ ही बढ़े हुए वेतनमान ही लागू रखने की मांग की है।