पुष्य नक्षत्र में स्वर्णप्राशन, 138 शिशु हुए लाभान्वित

धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सालय में बच्चों एवं अभिभावकों की लगी भीड़



उज्जैन। शासकीय स्वशासी धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. जे.पी. चौरसिया ने बताया कि चिकित्सालय के शिशु एवं बालरोग विभाग के अंतर्गत 'पुष्य नक्षत्रÓ 7 मार्च को जन्म से लेकर 10 वर्ष तक के बच्चों को स्वर्णप्राशन कराया गया।
इस स्वर्णप्राशन कार्यक्रम की प्रभारी अधिकारी डॉ. गीता जाटव ने विस्तार से बताते हुए कहा कि शासन के निर्देशानुसार अब भविष्य में भी स्वर्णप्राशन कार्यक्रम 'पुष्य नक्षत्रÓ वाली तिथि में ही होगा। शनिवार को आयोजित इस शिविर में अभिभावकों और बच्चों की भीड़ लगी रही। शिविर समाप्त होने तक लगभग 138 बच्चों को स्वर्णप्राशन कराया गया।
गौरतलब है कि स्वर्णप्राशन में दिये जाने वाली औषधियां स्वर्ण भस्म के साथ बच्चे के बुद्धि, बल और आयु को बढ़ाते हैं तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर शिशु को बार-बार बीमार होने से बचाते हैं। वर्तमान आधुनिक युग में आम जनता का विश्वास आयुर्वेद के प्रति बढ़ रहा है। प्रत्येक माता-पिता अपने शिशु को स्वस्थ तन और स्वस्थ मन वाला बनाना चाहते हैं। महाविद्यालयीन चिकित्सालय में कुपोषण नियंत्रण कार्यक्रम भी संचालित है तथा बच्चों के सभी रोगों के लिये आयुर्वेदीय औषधी के साथ-साथ आहार तथा आदर्श जीवनशैली हेतु परामर्श के लिये चिकित्सालय में डॉ. वेद प्रकाश व्यास तथा डॉ. गीता जाटव उपलब्ध रहते हैं।
चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ. ओ.पी. शर्मा तथा आर.एम.ओ. डॉ. हेमंत मालवीय के निर्देशन में हाउस फिजिशियन तथा इंटर्न छात्र-छात्राओं तथा विजय परिहार एवं राजाराम गोयल, सचिन ने स्वर्णप्राशन शिविर में विशेष सराहनीय कार्य किया। उक्त जानकारी मीडिया प्रभारी डॉ. प्रकाश जोशी ने दी।