( रमज़ान की दुआ)
अपना जलवा दिखा दे तू मौला ।
खार को गुल बना दे तू मौला।
चढ़ के सर जो हमारे है बैठी ।
ये मुसीबत उठा दे तू मौला ।
हमको दिखता नहीं है जो दुश्मन ।
जिस्म उसका जला दे तू मौला ।
चीन से वायरस जो है आया।
जड़ से इसको मिटा दे तू मौला ।
हैं मुआफी के हम नहीं काबिल ।
पर न ऐसी सजा दे तू मौला ।