भारत से चीन में 70 अरब डॉलर का आयात होता है और 17 अरब डॉलर का निर्यात


नई दिल्ली। चीन द्वारा पूरे विश्व में महामारी फैलाने का दावा पूरा विश्व कर रहा है। भारत को भी चीन की वजह से अच्छी-खासी हानि पहुंची है। व्यापार के मामले में जितना लाभ चीन से हमें मिल रहा है, उससे ज्यादा लाभ चीन हमसे उठा रहा है।
जैसे-जैसे भारत और चीन के बीच व्यापार लगातार बढ़ता गया, वैसे ही चीन की भारत में हिस्सेदारी बढ़ती गई। वर्ष 2001-2002 में दोनों देशों के बीच आपसी व्यापार महज तीन अरब डॉलर का था जो 2018-19 में बढ़कर 87 अरब डॉलर पर पहुंच गया। भारत ने चीन से करीब 70 अरब डॉलर का आयात किया, वहीं चीन को करीब 17 अरब डॉलर का निर्यात किया। यानि चीन हमसे बहुत अधिक मात्रा में लाभ कमा रहा है।
जानकार कहते हैं कि चीन को किए जाने वाले निर्यात की तुलना में भारत चार गुना आयात करता है, इतना ही नहीं सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि देश के कुल विदेश व्यापार घाटे का करीब एक तिहाई व्यापार घाटा चीन से संबंधित है। आइए जानते हैं कि दोनों देशों के कारोबार की स्थिति क्या है व क्या हैं विकल्प?
भारत पर चीन की किन वस्तुओं का है कब्जा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कह चुके हैं कि देश में बनी मिट्टी की मूर्तियों और दीयों का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा किया जाए, तभी गरीबों को रोजगार आसानी से मिलेगा। ऐसा कहा जाता है कि चीन का रिसर्च और डेवलपमेंट काफी मजबूत है। चीन हमारे देश के त्योहारों पर बिकने वाले सामानों का पहले ही विश्लेषण कर लेता है और वही सामान सस्ते दाम पर भारत में बिक्री के लिए भेजता है।
इन सामानों की मांग भी ज्यादा रहती है और ये तुलनात्मक सस्ते भी होते हैं। चीन एक ही वस्तु अलग-अलग क्वालिटी की बनाते हैं, जिनकी कीमत भी गुणवत्ता के हिसाब से अलग-अलग रहती है। हमारे बड़े-बड़े त्यौहार जैसे राखी, दिवाली और गणेशोत्सव के दौरान देश में हजारों करोड़ के सामान से लेकर मूर्तियां तक चीन से आती हैं।
इससे भारत का स्वदेशी व्यापार चौपट हो रहा है, इसलिए अब चीनी वस्तुओं के बहिष्कार की मुहिम जरूर चल रही है, लेकिन चीनी वस्तुओं पर से निर्भरता कम करना इतना आसान भी नहीं है। इसमें समय लग सकता है और इन वस्तुओं के विकल्प ढूंढना भी जरूरी है।